विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों
लेखक संजय कुमार गिरि
देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भी अपने को अपने परिवार सहित घर में बंद कर रखा है ।ये सही भी है अगर इस परस्थिति में जरा भी लापरवाही हुई नहीं कि इस बीमारी की चपेट में आ जाएं ।विपरीत से विपरीत परिस्थति में भी इंसान को अपना संतुलन नही खोना चाहिए और किसी भी समस्या का सामना करने का धैर्य और साहस इंसान के अंदर होना ही चाहिए , संघर्ष करना और पराजय को कभी भी स्वीकार ना करना एक सैनिक और एक चिकित्सक का परम कर्तव्य होता है ।जिस प्रकार एक सैनिक सरहद पर रहकर अपनी अंतिम सांस तक दुश्मनों से लड़ता रहता है और कभी हार नहीं मानता उसी प्रकार एक डॉक्टर देश के अंदर हर बीमारी का डटकर मुकाबला करता है और मरीज का इलाज करता है । मित्रों देश में कोरोना वायरस नामकी इस बीमारी का घोर संकट छाया हुआ है और हर नागरिक इससे त्रस्त है ।
ओर अगर ऐसे में हम डॉक्टर पर ही जान लेवा हमला कर दें तो इससे बुरा देश में भला ओर क्या हो सकता है ।डॉक्टर आज हमारे लिए एक वरदान बनकर हमारे साथ खड़े हैं और अपनी जान की परवाह किये बिना ही हमारे प्राणों की रक्षा खातिर इस कोरोना बीमारी से निरंतर जूझ रहे जो तारीफे काबिल है ।
आज पूरे देश में राज्य सरकारों ने लोकड़ाऊंन किया हुआ है सभी लोग इस बीमारी से स्वयम को बचाने के लिए अपने घरों में अपने परिवार के साथ बैठे हुए हैं ।क्या किसी कंपनी का मालिक और क्या कोई साधरण से कर्मचारी सभी लोग सरकार के साथ खड़े दिखलाई दे रहे हैं ओर ऐसे में कुछ उपदरई लोग अपने इलाके में आये डाक्टरों की टीम एवम पेरामिल्ट्री पर जान लेवा हमले कर रहे हैं वो बहुत ही निंदनीय है ।सरकार ओर प्रशासन को इन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और ऐसे लोगों को कड़े से कड़ा दंड देना चाहिए ।ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को भी चाहिए कि वे ऐसे लोगों का विरोध कर डाक्टरों की रक्षा खातिर सामने आना चाहिऐ ।यही एक देशभक्त का परम कर्तव्य भी है ।
संजय कुमार गिरि
लेखक संजय कुमार गिरि
देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भी अपने को अपने परिवार सहित घर में बंद कर रखा है ।ये सही भी है अगर इस परस्थिति में जरा भी लापरवाही हुई नहीं कि इस बीमारी की चपेट में आ जाएं ।विपरीत से विपरीत परिस्थति में भी इंसान को अपना संतुलन नही खोना चाहिए और किसी भी समस्या का सामना करने का धैर्य और साहस इंसान के अंदर होना ही चाहिए , संघर्ष करना और पराजय को कभी भी स्वीकार ना करना एक सैनिक और एक चिकित्सक का परम कर्तव्य होता है ।जिस प्रकार एक सैनिक सरहद पर रहकर अपनी अंतिम सांस तक दुश्मनों से लड़ता रहता है और कभी हार नहीं मानता उसी प्रकार एक डॉक्टर देश के अंदर हर बीमारी का डटकर मुकाबला करता है और मरीज का इलाज करता है । मित्रों देश में कोरोना वायरस नामकी इस बीमारी का घोर संकट छाया हुआ है और हर नागरिक इससे त्रस्त है ।
ओर अगर ऐसे में हम डॉक्टर पर ही जान लेवा हमला कर दें तो इससे बुरा देश में भला ओर क्या हो सकता है ।डॉक्टर आज हमारे लिए एक वरदान बनकर हमारे साथ खड़े हैं और अपनी जान की परवाह किये बिना ही हमारे प्राणों की रक्षा खातिर इस कोरोना बीमारी से निरंतर जूझ रहे जो तारीफे काबिल है ।
आज पूरे देश में राज्य सरकारों ने लोकड़ाऊंन किया हुआ है सभी लोग इस बीमारी से स्वयम को बचाने के लिए अपने घरों में अपने परिवार के साथ बैठे हुए हैं ।क्या किसी कंपनी का मालिक और क्या कोई साधरण से कर्मचारी सभी लोग सरकार के साथ खड़े दिखलाई दे रहे हैं ओर ऐसे में कुछ उपदरई लोग अपने इलाके में आये डाक्टरों की टीम एवम पेरामिल्ट्री पर जान लेवा हमले कर रहे हैं वो बहुत ही निंदनीय है ।सरकार ओर प्रशासन को इन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और ऐसे लोगों को कड़े से कड़ा दंड देना चाहिए ।ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को भी चाहिए कि वे ऐसे लोगों का विरोध कर डाक्टरों की रक्षा खातिर सामने आना चाहिऐ ।यही एक देशभक्त का परम कर्तव्य भी है ।
संजय कुमार गिरि