मुक्तक
गुरु ने मुझको सिखाया ,वो काम करता हूँ ,
ये हाथ जोड़ के मैं ,अहतराम करता हूँ !
मिले जो प्यार से सीने से लगा लूं उसको ,
ये जान अपनी भी मैं उसके नाम करता हूँ !!
संजय कुमार गिरि
गुरु ने मुझको सिखाया ,वो काम करता हूँ ,
ये हाथ जोड़ के मैं ,अहतराम करता हूँ !
मिले जो प्यार से सीने से लगा लूं उसको ,
ये जान अपनी भी मैं उसके नाम करता हूँ !!
संजय कुमार गिरि
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