Tuesday, 5 September 2017

मुक्तक 
गुरु ने मुझको सिखाया ,वो काम करता हूँ ,
ये हाथ जोड़ के मैं ,अहतराम करता हूँ !
मिले जो प्यार से सीने से लगा लूं उसको ,
ये जान अपनी भी मैं उसके नाम करता हूँ !!
संजय कुमार गिरि

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