*ग़ज़ल*
नहीं आज कोई गिला हम करेंगे
तुम्हारे लिए ही दुआ हम करेंगे
तुम्हारे लिए ही दुआ हम करेंगे
वफ़ा जिन्दगी से हमें आज भी है
न कोई किसी से जफ़ा हम करेंगे
न कोई किसी से जफ़ा हम करेंगे
बहुत दर्द हमने सहा है जहां में
मिले जख्म की अब दवा हम करेंगे
मिले जख्म की अब दवा हम करेंगे
दिखावा बहुत लोग करते यहाँ पर
सही बात दिल से सदा हम करेंगे
सही बात दिल से सदा हम करेंगे
जिसे आज देखो वही घात करता
मगर मोल विश्वास का हम करेंगे
मगर मोल विश्वास का हम करेंगे
नहीं जान की आज परवाह 'संजय '
वतन पर ये' हँस हँस फ़िदा हम करेंगे
वतन पर ये' हँस हँस फ़िदा हम करेंगे
संजय कुमार गिरि
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