**ग़ज़ल**
इक कहानी तुम्हें मैं सुनाता रहूँ !
प्यार की हर निशानी दिखाता रहूँ !!देखते ही गले से लगाता रहूँ !!
आप के दिल में मैं आता जाता रहूँ !!
प्यार से आपको मैं सजाता रहूँ !!
मुस्कुराती रहो गीत बन तुम मेरा !
मैं हमेशा जिसे गुनगुनाता रहूँ !!
राह में तुम मिलो मीत बन और मैं !
आते जाते रहें आप दिल में मेरे !
ख्वाव में आप आयें दुल्हन की तरह !
संजय कुमार गिरि
करतार नगर , दिल्ली 53
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