मुक्तक
थक गया हूँ आज चल कर चूर हूँ
जिंदगी तुझसे बहुत ही दूर हूँ
सच कहूँ मैं आज तक रुकता नहीं
देख कर हालात ये मजबूर हूँ
संजय कुमार गिरि
विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों लेखक संजय कुमार गिरि देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भ...
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