Thursday, 31 August 2017

मुक्तक 
थक गया हूँ आज चल कर चूर हूँ 
जिंदगी तुझसे बहुत ही दूर हूँ 
सच कहूँ मैं आज तक रुकता नहीं 
देख कर हालात ये मजबूर हूँ 
संजय कुमार गिरि 

No comments:

Post a Comment

विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों   लेखक संजय कुमार गिरि देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भ...