Monday, 23 October 2017

नशा फिर मुहब्बत का' छाने लगा है 
मुझे याद जब से वो ' आने लगा है
*
फ़िदा हो गया दिल तुम्ही पर ये' मेरा
तराने मुहब्बत के' गाने लगा है
*
हुए जबसे चर्चे जमाने में मेरे
किताबों में' भी नाम आने लगा है
*
किया प्यार मैंने तुम्ही से जहाँ में
मिरा दिल मुझे ये बताने लगा है
*
ज़हर आज किसने है' घोला हवा में
मुझे मौत का डर सताने लगा है
*
सुनो बेखबर हो गया जब से संजय
वो ख़ुद से ही नजरें चुराने लगा है
संजय कुमार गिरि
@सर्वाधिक सुरक्षित

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