Wednesday, 22 August 2018

ग़ज़ल

सूरज जैसा जलना होगा 
कुंदन जैसा तपना होगा 

राह मिले यदि काँटों की तो
हँस कर उस पर चलना होगा

हिम्मत से तुम खुद को जीतो
तब ही पूरा सपना होगा

खुद को अटल बना अब सबके
दिल में हम को बसना होगा

बाधाएं आती हैं आयें
तूफ़ानों से लड़ना होगा

कहता संजय हित की बातें
ध्यान लगाकर सुनना होगा

संजय कुमार गिरि

No comments:

Post a Comment

विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों   लेखक संजय कुमार गिरि देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भ...