ग़ज़ल
सूरज जैसा जलना होगा
कुंदन जैसा तपना होगा
राह मिले यदि काँटों की तो
हँस कर उस पर चलना होगा
हिम्मत से तुम खुद को जीतो
तब ही पूरा सपना होगा
खुद को अटल बना अब सबके
दिल में हम को बसना होगा
बाधाएं आती हैं आयें
तूफ़ानों से लड़ना होगा
कहता संजय हित की बातें
ध्यान लगाकर सुनना होगा
संजय कुमार गिरि
सूरज जैसा जलना होगा
कुंदन जैसा तपना होगा
राह मिले यदि काँटों की तो
हँस कर उस पर चलना होगा
हिम्मत से तुम खुद को जीतो
तब ही पूरा सपना होगा
खुद को अटल बना अब सबके
दिल में हम को बसना होगा
बाधाएं आती हैं आयें
तूफ़ानों से लड़ना होगा
कहता संजय हित की बातें
ध्यान लगाकर सुनना होगा
संजय कुमार गिरि
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