Friday, 21 September 2018


सर उड़ाया धड़ उडाना चाहिए
खून का दरिया बहाना चाहिए
आँख दिखलाता है वो जब भी हमें
आंख में सरिया घुसाना चाहिए
रोज ही धमकी दिया करता है वो
धुल उसको अब चटाना चाहिए
गर तिरंगे का करे अपमान अब ?
विश्व से नक्सा मिटाना चाहिए
खून की गर्मी हमारी यह बोलती
सूर्य सा उसको जलाना चाहिए
ओज वाणी में झलके "संजय" तेरी
लहू वतन के काम आना चाहिए
संजय कुमार गिरि

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