Friday, 4 January 2019

मशहूर कवि एवं साहित्यकार त्रिभवन कौल का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर
जाने-माने साहित्यकार एवं युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष त्रिभवन कौल का निधन मुम्बई के जुपिटर हॉस्पिटल में हो गया। त्रिभवन कौल को 12 दिसम्बर से मुम्बई के जुपिटर हॉस्पिटल में फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से दाखिल कराया था । उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। दो अधिकारियों की निगरानी में डाक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। मंगलवार सुबह को उन्होंने अंतिम सांस ली और वे आज इस नाशवान संसार से हम सब को रोता बिलखता छोड़कर कैलाशवासी हो गए। आज ही उनका जन्मदिन भी था। त्रिभुवन कौल भारत के एक कुशल और प्रकाशित द्विभाषी लेखक-कवि थे । वो एक हिंदी,अंग्रेज़ी और कश्मीरी भाषा के उत्कृष्ट साहित्यकार थे।अब तक उन्होंने पांच किताबें (कविता और लघु-कथाएँ) लिखी हैं, जिनमें से तीन हिंदी में और दो अंग्रेजी में हैं। उनकी कविताओं को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रिकाओं के अलावा 37 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एंथोलॉजी के रूप में चुना और प्रकाशित किया गया है। उनकी कविताओं की संख्या का फ्रेंच में अनुवाद भी किया गया है। उन्होंने कई विषयों पर कविताएँ लिखी है जो उनके पाठकों को प्रकृति, प्रेम और करुणा और आध्यात्मिकता के करीब लाती हैं। वह समकालीन विषयों पर लघु-कथाएँ और कविताएँ लिखते थे जिसके बारे में वे बहुत दृढ़ता से महसूस करते थे । उनके निधन की सूचना उनकी बेटी ने मुम्बई से श्री राम किशोर उपाध्याय को फोन पर दी ! उनके इस तरह इस दुनिया से चले जाने से साहित्य जगत में सभी शौक ग्रस्त हैं और सभी ने अपनी अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि दी !
संजय कुमार गिरि


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