मुक्तक
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बहारों में खिला जो फूल अपने ही चमन का है
यहाँ बहता हुआ पानी सदा ही आचमन का है
बहा कर खून अपना जो करे है देश की रक्षा
हुआ जो आज है घायल सिपाही भी वतन का है
संजय कुमार गिरि
विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों लेखक संजय कुमार गिरि देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भ...
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