Tuesday, 30 October 2018
आज एक ग़ज़ल प्रकशित हुई मेरठ से प्रकाशित समाचार पत्र दैनिक विजय दर्पण में हार्दिक आभार आदरणीय Santram Pandey. सर का
ग़ज़ल
जिंदगी तुझसे नहीं कोई गिला है
दर्द भी हमने यहाँ हंसकर सहा है
जिंदगी तुझसे नहीं कोई गिला है
दर्द भी हमने यहाँ हंसकर सहा है
याद में जिनकी सदा जीते रहे हम
प्यार में उनके नहीं कोई वफ़ा है
प्यार में उनके नहीं कोई वफ़ा है
ज़ख्म खाए थे जहां में प्यार करके
प्यार करना भी लगे कोई सज़ा है
प्यार करना भी लगे कोई सज़ा है
भाव खाता है यहाँ वो आज ऐसे
लग रहा जैसे यहाँ का वो ख़ुदा है
लग रहा जैसे यहाँ का वो ख़ुदा है
जब फकीरों ने उठाये हाथ अपने
हाथ से उनके सदा निकली दुआ है
हाथ से उनके सदा निकली दुआ है
क्या बताये हाल अपना आज संजय
ये ज़हर हमने यहाँ कैसे पिया है
ये ज़हर हमने यहाँ कैसे पिया है
संजय कुमार गिरि
Monday, 15 October 2018
**गीतिका **
रौशनी हर ओर होगी ,तम छटेगा एक दिन
मेरी' खुशियों का भी' सूरज तो उगेगा एक दिन
जिन्दगी लगने लगी है खूबसूरत दोस्तो
फूल गुलशन में यहाँ पर भी खिलेगा एक दिन
आदमी ही आदमी का आज कातिल है बना
खून इन आतंकियों का भी बहेगा एक दिन
हाथ को ऊपर उठा कर कुछ फकीरों ने कहा
बोल बम बम बोल बम बम जग कहेगा एक दिन
आसमां में फिर उड़ा है इक परिंदा शान से
जाल डाला है शिकारी ने ,फंसेगा एक दिन
लिख रहा बेकाम बातें जो यहाँ पर बेवजह
हाथ पर रख हाथ देखो वो मलेगा एक दिन
संजय कुमार गिरि
रौशनी हर ओर होगी ,तम छटेगा एक दिन
मेरी' खुशियों का भी' सूरज तो उगेगा एक दिन
जिन्दगी लगने लगी है खूबसूरत दोस्तो
फूल गुलशन में यहाँ पर भी खिलेगा एक दिन
आदमी ही आदमी का आज कातिल है बना
खून इन आतंकियों का भी बहेगा एक दिन
हाथ को ऊपर उठा कर कुछ फकीरों ने कहा
बोल बम बम बोल बम बम जग कहेगा एक दिन
आसमां में फिर उड़ा है इक परिंदा शान से
जाल डाला है शिकारी ने ,फंसेगा एक दिन
लिख रहा बेकाम बातें जो यहाँ पर बेवजह
हाथ पर रख हाथ देखो वो मलेगा एक दिन
संजय कुमार गिरि
Friday, 12 October 2018
माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच द्वारा काव्य संध्या का आयोजन
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संजय कुमार गिरि
कल शाम हिंदी भवन नई दिल्ली में माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच द्वारा हरिद्वार से आये वरिष्ठ साहित्यकार श्री बृजेन्द्र हर्ष की अध्यक्षता में एक शानदार काव्य संध्या का आयोजन किया गया , काव्य संध्या में मुख्य अतिथि रहे हिंदुस्तान के मशहूर शायर मासूम गाज़ियाबादी ,अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ व्यंग्यकार सुभाष चन्दर रहे ,विशेष अतिथियों में ट्रू मीडिया पत्रिका के प्रधान संपादक ओम प्रकाश प्रजापति ,विनोद ढोंढियाल संपादक (अलकनंदा पत्रिका) , अंजुम ज़ाफ़री वरिष्ठ पत्रकार (उर्दूइंकलाब) ,साहित्यकार अतुल प्रभाकर , प्रसिद्ध कवि चेतन आनंद भी मंच पर आसीन रहे ।
माँ शारदे की वंदना डॉ पुष्पा जोशी ने अपने मधुर स्वर में की,
सभी अतिथि साहित्यकारों का सम्मान मंच के पदाधिकारियों अध्यक्ष, जगदीश मीणा उपाध्यक्ष ममता लड़ीवाल महासचिव मनोज कामदेव ,सचिव निर्देश शर्मा और मीडिया प्रभारी संजय कुमार गिरि ने अंग वस्त्र एवम पुष्पमाला पहना कर किया गया। मंच द्वारा हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने वाले साहित्यकारों को अंगवस्त्र एवम पहना कर स्वागत एवं सम्मान भी किया गया जिनमे कवि एवम साहित्यकार अनिमेष शर्मा ,जगदीश भारद्वाज ,बबली वशिष्ठ,ऐ एस अली खान ,डॉ दीपक बमोला,ममता लड़ीवाल और डॉ पुष्पा जोशी रहे ।
दिल्ली एन सी आर से आये लगभग सौ से अधिक कवि एवम कवियत्रियों ने अपना शानदार काव्यपाठ किया , इस अवसर पर हमेशा की तरह कवि एवम चित्रकार संजय कुमार गिरि ने अपना बनाया पेंसिल स्केच वरिष्ठ पत्रकार अंजुम ज़ाफ़री को भेंट किया ।मंच का शानदार संचलन निर्देश पाबला ने अपने शानदार अंदाज़ में किया काव्य संध्या के अंत में मंच के अध्यक्ष जगदीश मीणा ने काव्य संध्या में आये सभी अतिथियों एवम साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया l
Monday, 1 October 2018
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