दोहे
1
सुविधा हों थोड़ी मगर ,खुशियाँ मिले अपार !
प्यार मांगता है सदा ,हरा -भरा परिवार !!
2
बच्चे भूखे सो रहे ,करके फाँके आज !
खाने को दाना नहीं ,आया कैसा राज़ !!
3
कुछ बर्तन को बेच कर, लाया दवा उधार ।
कमरा खाली रह गया ,रोए घर दीवार।।\
4
सच्चे मन से जो करे ,अपने गुरु का ध्यान !
ज्ञान बढ़े उसका सदा ,जीवन बने महान !!
5
रोज रोज गीता पढ़ें ,या पढ़ लें कुरआन
सबसे पहले हम बनें , मात्र एक इंसान
6
गरजे थे बरसे नहीं, किया दिखावा मात्र।
मिली सज़ा अब तक नहीं ,जो था इसका पात्र ।।
7
चित्र बनाने के लिए ,जब करी शुरुआत
टूटी पेंसिल नौक से, रबड़ करे ना बात
8
पीटे ताली कह रहे , अपने मन की बात
जनता जब अपनी कहे,खाए घूंसे लात
9
भारत माता रो रही ,ले हाथों में लाश !
बिखर गई है जिन्दगी, जैसे पत्ते ताश !!
10
नमन करें हम आपको हे गुरवर जगदीश !
सर पर मेरे हाथ हो ,मिले सदा आशीष !!
11
डोर प्रेम की बाँध कर, कहती बहना आज !
भैया मेरे नेह की ,सदा निभाना लाज !!
12
आगे बढ़ते जाइए ,गाते सुन्दर गान !
कृपा करें माँ शारदे,मिले तुम्हें सम्मान !!
13
सैनिक बन कर देश के,देते अपनी जान !
बच्चे मेरे देश के , सचमुच बड़े महान !!
14
सत्य अहिंसा सादगी ,हो जिनकी पहचान
ऐसे लोगों को सदा ,कहता देश महान
15
हरियाला मौसम हुआ ,देखो चारों ओर
मनवा बैरी हो गया , खूब मचाये शोर
16
पिता पुत्र के बीच में,कैसी ये तकरार
एक हाथ रौली रहे , एक हाथ में हार
17
मुख में सुमिरन राम का,रखते हाथ कटार !
होगा क्या अब देश का ,कैसी चली वयार !!
18
पानी की कीमत यहाँ ,सचमुच है अनमोल !
समझ रहे फिर भी नहीं ,हम पानी का मोल !!
19
आरक्षण के नाम पर ,खेला खूनी खेल !
बूढ़े बच्चे हो जवां, सभी रहे है झेल !!
20
गुडगाँव से गुरू ग्राम, किया राज्य का नाम
ऐसे पावन कार्य को, शत शत करूँ प्रणाम
21
गंगा शीतल बह रही ,सबके दिल में आज !
जीवन में रँग आएगा ,होगा दिल को नाज़ !!
22
नारी को मिलते नहीं, जहाँ सभी अधिकार !
अपने सपनो को करे ,कैसे वो साकार !!
23
गौ माता की वंदना ,करते जो इन्सान
विपदाएं उनकी सभी हरते कृपा निधान
24
बाती जिस घर ना जले ,घोर अँधेरा छाय !
खाने को दाना नहीं ,पेट निरा कुम्भलाय।।
25
नारी तुम अबला नहीं , अब तुम बनो महान !
गलत नज़र जो डालते , ले लो उन की जान !!
26
सब कुछ महँगा है यहाँ ,सस्ती केवल जान !
कोई नहीं गरीब का , सिवा एक भगवान !!
27
मेरे हाथो कल हुआ, कितना अच्छा काम !
दिल पर जब मैंने लिखा,जय बोलो श्री राम !!
28
सैनिक बन कर देश के,देते अपनी जान !
बच्चे मेरे देश के , सचमुच बड़े महान !!
29
जीवन स्वर्ग बनाइये ,जग में रह कर आप !
पेड़ो को काटें नही , दिल में रख संताप !!
26
रहे एक से एक है, बढ़कर दोहाकार !
आते है जब मंच पर, मचती हाहाकार !!
27
नेता जी के राज में, हुए लोग लाचार !
आगे भ्रष्टाचार के ,सारी निति बेकार !!
29
हलवा पूड़ी से भरे, पंडित जी का पेट
पेट फूल कर हो गया ,जैसे इण्डिया गेट
30
सरहद पर सैनिक हुए ,अब कितने लाचार !
आँखे अपनी खोल कर ,देखे कब सरकार !!
31
मिल जुल सबसे हम रहें ,करें प्रेम से बात
कभी प्रेम क्या पूछता क्या जाती क्या पात
32
उगते सूरज से करें , यह विनती हम आप
गर्मी ज्यादा पड़ रही ,रखना कम ही ताप
33
चम्च्चे मिलकर खूब करें ,मंचों का अपमान
नहीं जानते साहित्य का ,करना जो सम्मान
34
मन में जागी इक नई, आशा की उम्मीद
गले लगा के सब मिलो ,मने सभी की ईद
35
आँखों में अब छा रही ,प्यारी प्यारी नींद
कहूँ मुबारक आपको , मना रहे सब ईद
36
मच्छर दानी ओढ़ कर ,अब सोता है ज्ञान
आडोमास लगा लगा ,बढ़ता रहा अज्ञान
37
आधे पैसे खा लिए , आधे का भुगतान
सिखा पढ़ा के कर रहे,दूजे का अपमान
38
मन में दुविधा पाल कर, यहाँ चला इक तीर
अब के जो जीता यहाँ , वही बनेगा वीर
39
गरमी भीषण पड़ रही,आफ़त में है जान
बेमतलब की बात कर,नेता बने महान
40
रंग विरंगे फूल सा, महके सदा शरीर
शब्दों को ऐसे लिखो ,जैसे लिखें कबीर
41
जिनसे रहे न दोस्ती ,रहे न जिनसे प्यार
खेले उनके साथ क्यों , बना खेल व्यापार
42
क्रिकेट मैच का भला ,क्या कोई आधार
वीर शहीदों पर हुआ , एक नया प्रहार
43
मिरचा लहसुन पीस के, चटनी लिए बनाय
धर कर रोटी पर उसे,चाट चाट कर खाय
44
पंडित मुल्ला पादरी,करो सदा इक काम
धर्म संकट में डालकर,नहीं करो बदनाम
45
गुरु बनने की होड़ में ,लगा रहे हैं जोर
बे मतलब का ज्ञान दें ,मचा रहे हैं शोर
46
आतंकी अब तो सुधर मान तू अपनी हार !
है अंतिम चेतावनी , करू आर या पार !!
47
काटे कैसे दिन यहाँ ,कैसे काटें रात
साधू संतो की नहीं,सुनता कोई बात
48
जन्म दिवस पर महकता, सुन्दर पुष्प गुलाब।
चमके हर कोना यहाँ , ज्यों चमके महताब।।
49
भाषा दूषित बोल कर , करते हैं जो बात
कहते सेवा कर रहे ,हम तो दिन ओ रात
50
नहीं हुआ अभिमन्यू सा, दुनिया में बलवान
श्री कृष्ण ने गीता में , दिया सभी को ज्ञान
51
थाम तिरंगा हाथ में ,गायें सुन्दर गान
जन गन गाने से सदा बढ़े देश का मान
52
गौमाता के नाम पर,करते अत्याचार
आँखे मूदें सो रही ,कैसी ये सरकार
53
मन की अपने जो करे ,पीछे फिर पछताय
सच्चे साथी जो गए ,लौट नहीं फिर आय
54
चादर ताने सो रहे ,घर में नेता आज
सीमा पर सैनिक मरे ,उन्हें शर्म ना लाज
55
सम्बंधी अब हैं कहाँ ,मन में सबके खोट !
आव भगत के नाम से,करते दिल पर चोट !!
56
अच्छे मन से जो करे,जीवन की शुरुआत
घर में उसके खूब हो ,खुशियों की बरसात
57.
नागपंचमी की सुबह ,सभी सर्पों के साथ
दूध पिलाने के लिए , आये भोले नाथ
58
राजनीति से बड़ा अब , नही दोगला काम
इसमें जो भी पड़ गया ,हुआ वही बदनाम
59
कभी भुलाने से नहीं ,भूलूं अपना गाँव
चढ़ पेड़ों से कूदना ,वो बरगद की छांव
60
पोखर है ये गाँव का, ना कोई ये झील
इसमें मछरी मारते , उड़ती रहती चील
61
मेरे दोहों में नहीं , तुलसी जैसा ज्ञान
भाषा भी दूषित मेरी ,सबसे रहा अज्ञान
62
मानस रच के है दिया ,जन जन में सन्देश
नहीं विश्व में और है , भारत जैसा देश
63
रामायण में राम की ,महिमा का गुणगान
पढ़कर इसको है मिला ,सबको ही सम्मान
64,
सावन सूखा रह गया, नहीं बरसता नीर।..
पी से मिलने के लिए,सजनी भई अधीर ।।
65.
,हे प्रियवर शुभ आपका, जन्मदिवस है आज।
जीवन हो सुखमय सखा, महके दिल के साज।।
66
प्याज टमाटर में उलझ ,ख़ूब करें तकरार
पिछली हालत भूल गई , कैसी ये सरकार
68
पति पत्नी के बीच में ,कैसी हो तकरार !
पल में झगड़ा वो करें ,पल में करते प्यार !!
69.
पीटे ताली कह रहे,अपने मन की बात
जनता जब अपनी कहे,खाए घूंस लात
70,
भारत माता रो रही ,ले हाथों में लाश !
बिखर गई है जिन्दगी, जैसे पत्ते ताश !!
71
हे गणनायक आपकी ,महिमा अपरम्पार ।
जो भी पूजे आपको , उसका बेड़ा पार ।।
72
गिनती तीन तलाक की ,भूल जाइये यार ।
नेक बनो अब एक से, करो हृदय से प्यार।।
73
रहे सलामत सर्वदा ,सुंदर घर परिवार ।
विनती माँ से मैं करूँ, आज तीज त्यौहार ।।
74
करूँ वंदना आपकी ,हे गणपति भगवान ।
बल बुधि विद्या ज्ञान का ,दो हम को वरदान ।।
75
बनकर बाबा चोर ठग, करते बंटाढार।
जनता मूरख बन रही, अंधी है सरकार।।
76
जिनके दिल में छल कपट ,ओठों पर हो प्यार
बच कर उनसे तुम रहो , करते पीछे वार !!
संजय कुमार गिरि