Friday 18 May 2018
Saturday 12 May 2018
शीर्षक " माँ " पर कुछ कवि एवं साहित्यकारों के रचनात्मक विचार
प्रस्तुति :***शायर एक शायरी अनेक ***
संकलन कर्ता :-संजय कुमार गिरि ,
माँ के क़दमों में है जन्नत ये बताने वाले
मुझको लगता है कि जन्नत से वो आगे न गए
दीक्षित दनकौरी
दीक्षित दनकौरी
2-
जीवन के हर मोड़ पर, छले गए हर बार।
मां की ममता साथ थी,हार गया संसार।।
सरिता गुप्ता
दिल्ली
3-
माँ जीवन का सार है, माँ है तो संसार।
माँ बिन जीवन लाल का,समझो है बेकार।।
लाल बिहारी लाल
4--
रहे खुद भूखी फिर भी , दे पेट भर खाना |
भाव है उसका ऐसा ,खिला खुश हो जाना ||
संजय वर्मा "दृष्टि" मनावर
5-
हर धर्म की माँ ओ के ,ममता के एक रूप |
आँचल से ढांक देती ,जब सर पर हो धूप||
संजय वर्मा "दृष्टि" मनावर
6--
मैं घंटे बतियाता हूं माँ की कब्र से,
एै "रंग"--एैसा लगता है की जैसे,
माँ की कब्र से भी
अपने बेटे को दुआ आती है।
रंगनाथ द्विवेदी।
7--
माँ के कदमो में रहूँ, टूटे सभी गुरूर !
माँ ममता की छाव से , कभी न रखना दूर !!
कृष्णा नन्द तिवारी
8--
माँ से ही संसार है,माँ ही ममता रूप।
देती सबको छाँव है,खुद सहती है धूप।।
मनोज कामदेव
9--
जाकर छत पर देखता ,चंदा तारे रोज ।
माँ उसको मिलती नहीं ,बालक करता खोज ।।
संजय कुमार गिरि
10--
मांग लूं यह मन्नत ,फिर यही जहाँ मिले
फिर यही गोद मिले , फिर यही माँ मिले
माधवी राठी
मां की ममता साथ थी,हार गया संसार।।
सरिता गुप्ता
दिल्ली
3-
माँ जीवन का सार है, माँ है तो संसार।
माँ बिन जीवन लाल का,समझो है बेकार।।
लाल बिहारी लाल
4--
रहे खुद भूखी फिर भी , दे पेट भर खाना |
भाव है उसका ऐसा ,खिला खुश हो जाना ||
संजय वर्मा "दृष्टि" मनावर
5-
हर धर्म की माँ ओ के ,ममता के एक रूप |
आँचल से ढांक देती ,जब सर पर हो धूप||
संजय वर्मा "दृष्टि" मनावर
6--
मैं घंटे बतियाता हूं माँ की कब्र से,
एै "रंग"--एैसा लगता है की जैसे,
माँ की कब्र से भी
अपने बेटे को दुआ आती है।
रंगनाथ द्विवेदी।
7--
माँ के कदमो में रहूँ, टूटे सभी गुरूर !
माँ ममता की छाव से , कभी न रखना दूर !!
कृष्णा नन्द तिवारी
8--
माँ से ही संसार है,माँ ही ममता रूप।
देती सबको छाँव है,खुद सहती है धूप।।
मनोज कामदेव
9--
जाकर छत पर देखता ,चंदा तारे रोज ।
माँ उसको मिलती नहीं ,बालक करता खोज ।।
संजय कुमार गिरि
10--
मांग लूं यह मन्नत ,फिर यही जहाँ मिले
फिर यही गोद मिले , फिर यही माँ मिले
माधवी राठी
11--
सुख-दुख दोनों में रहे, कोमल और उदार।
कैसी भी सन्तान हो, माँ देती है प्यार।।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक
12-
'मां ही पहली गुरू है, मां है तीरथ धाम,
कौशल्या- आशीष से, राम हो गये राम।
राधेश्याम बन्धु
Wednesday 9 May 2018
दैनिक विजय दर्पण टाइम्स - मेरठ से प्रकाशित में आज 07▪05▪2018 को मेरा एक भौजपुरी गीत एवं दो दोहे महाराणा प्रताप जी पर प्रकाशित हुए ,हार्दिक आभार आपका आदरणीय Santram Pandey जी
Sunday 6 May 2018
पत्रकार संजय कुमार गिरि एवं काली शंकर सौम्य को किया गया सम्मानित
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संजय कुमार गिरि ,बाहरी दिल्ली ,इंडिया स्पोर्टस संघ की ओर से "पत्रकार सम्मान समारोह" का आयोजन कल भगतजी पार्टी हॉल डी सी चौक रोहीणी दिल्ली में कई जाने माने पत्रकारों व खेल जगत से जानी-मानी हस्तियों को सम्मानित किया गया । जिसमें समूचे दिल्ली व उत्तर भारत से पत्रकारिता जगत के लोग शामिल थे ,अद्दभुत इंडिया के संपादक कालीशंकर सौम्य एवम ट्रू मीडिया पत्रिका एवं समर सलिल पत्रिका के पत्रकार संजय कुमार गिरि सहित दिल्ली एनसीआर के सौ से अधिक पत्रकार को भी सम्मानीत किया गया ।
इंडिया स्पोर्टस संघ एक अखिल भारतीय गैर सरकारी संस्था है जो की वर्ष 2007 से आज तक निरंतर खिलाडिओं के सम्मान कल्याण और नशा मुक्त भारत के लिय प्रयासरत है यह संस्था पिछले 10 वर्षों से खिलाड़ियों के उत्थान एवं प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है ,
संस्था के मुख्य संरक्षक और नेता श्याम जाजू ,अजय टम्टा ,मनोज तिवारी ,वीरेंदर कश्यप ,एस पी सिंह बघेल इस कार्य की सफलता हेतु अनेक खेल प्रेमी खलाड़ी कोच बोडी बिल्डर और सामाजिक कार्यकर्त श्री सुनील गुप्ता के नेतृत्व में कंधे से कन्धा मिला कर काम कर रहे हैं !
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में अग्रणी रहने वाले इंडिया स्पोर्ट्स संघ पूवॉचल विग के प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज ठाकुर के एवम इंडिया स्पोर्टस संघ के राष्टीय अध्यक्ष श्री सुनील गुप्ता जी ने सभी पत्रकारों को सम्मानित किया , इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे इंडिया स्पोर्टस संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मनीष डाबर के साथ कार्यक्रम संयोजक विरेन्दर सैनी एवम राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी दिपक बंसल, दीप्ति जोशी का अहम रोल रहा।
इंडिया स्पोर्टस संघ भविष्य मे पत्रकारो को समाजिक एवम खेल एवम खिलाडी के विषय वस्तु पर लिखने वाले पत्रकारो को समानित करेगी। ताकी खेल और खिलाडीयो की समस्यऔ से समाज और सरकार अवगत हो सके और उनकी समस्यऔ का समाधान हो, खेल और खिलाडीयो का विकास हो।
इंडिया स्पोर्टस संघ भविष्य मे पत्रकारो को समाजिक एवम खेल एवम खिलाडी के विषय वस्तु पर लिखने वाले पत्रकारो को समानित करेगी। ताकी खेल और खिलाडीयो की समस्यऔ से समाज और सरकार अवगत हो सके और उनकी समस्यऔ का समाधान हो, खेल और खिलाडीयो का विकास हो।
Tuesday 1 May 2018
मेरठ से प्रकाशित दैनिक " विजय दर्पण टाइम्स " में मेरी एक ग़ज़ल प्रकाशित हुई है ! संपादक श्री Santram Pandey जी का हार्दिक आभार !
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