Wednesday 28 February 2018
Monday 26 February 2018
फगुवा की रीत भली ,हियरा में प्रीत पली,
होरी में गोपाल सँग, मेल रहीं गोपियाँ।
गोरे गोरे गालन पे, मलते गुलाल श्याम,
नोक-झोंक नेह भरी, झेल रहीं गोपियाँ।।
हाथ पिचकारी भरे, गोपियों पे भारी पड़े,
करें बरजोरी श्याम ,ठेल रही गोपियाँ ।।
मनवा उदार लिये ,होरी की फुहार लिए ।
धाय मुसकाय होरी,खेल रही गोपियाँ।।
संजय कुमार गिरि
*ग़ज़ल*
1
ग़ज़ब की ये बीमारी हो गई
है।
मुहब्बत की ख़ुमारी हो
गई है।।
जरा तुम पास आ जाओ
हमारे।
अजब हालत हमारी हो गई है।।
न
जीते हैं, न
मरते हैं वफ़ा में।
ये कैसी बेकरारी हो गई है।।
तुम्हें
देखा नहीं है जबसे हमनें।
हमारी साँस भारी हो गई है।।
मुहब्बत
हो गई संजय तुम्हें भी।
ये सबको जानकारी हो गई है।।
संजय
कुमार गिरि
1 ग़ज़ब की ये बीमारी हो गई है।
मुहब्बत की ख़ुमारी हो गई है।।
ये कैसी बेकरारी हो गई है।।
हमारी साँस भारी हो गई है।।
ये सबको जानकारी हो गई है।।
Friday 16 February 2018
राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय गौतम पुरी ने आज अपना वार्षिक उत्सव 2018 मनाया जहां मुझे विशिष्ट अतिथि के तौर पर निमंत्रित किया गया था । जिस विद्द्याल से मैं पढ़ा आज उसी विद्द्यालय में मेरे हाथों बच्चों को सम्मानित करना मेरे लिए बहुत गौरव के पल रहे जहां बाद में मेरा काव्यपाठ भी हुआ ।इसके लिये मैं आदरणीय श्री अरविंद शर्मा सर का सहृदय आभारी हूँ ।कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि मोहम्मद इशराक खान एम एल ऐ सीलम पुर रहे ।एन सी सी एवम स्कॉउट कैडेट द्धारा श्रीमती अर्चना विश्वदीप (dde ne) को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया ।
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