Monday 25 September 2017

कैसे पाएगा जगह वो फिर दिले -महबूब में
दामने दिल को जो अश्कों से भिगो सकता नहीं
संजय कुमार गिरि 

Thursday 21 September 2017

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्र  दैनिक विजय न्यूज़ में प्रकाशित खबर 


Saturday 16 September 2017

इन्दौर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र "प्रिये पाठक" में हिंदी दिवस पर कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई ,



Thursday 14 September 2017

"चावल के दाने पर संजय गिरि" 
यह सुन्दर कलाकारी की है मेरे मित्र चित्रकार श्री गब्बर सिंह जी ने 
इस अतुलनीय प्रेम के लिए हार्दिक आभार आपका प्रिय मित्र 



 हिंदी दिवस के सुअवसर पर "मुक्तक-लोक "मंच द्वारा "मुक्तक भूषण सम्मान" से सम्मानित होने पर अति हर्ष का अनुभव महशूस कर रहा हूँ परम आदरणीय प्रो विश्वम्भर शुक्ल जी का हार्दिक आभार एवं साधुवाद !आप सभी साहित्यिक मित्रों का हार्दिक आभार एवं सादर नमन !!!!



मेरा परिचय----
नाम -संजय कुमार गिरि
पिता का नाम- श्री धनुषधारी गिरि
माँ का नाम - -श्रीमति सुशीला देवी 
जन्मतिथि -27 जून 1975
जन्म स्थान ..---नई दिल्ली
शिक्षा- स्नातक (हिन्दी)
कॉलेज ..पी.जी .डी.ऐ. वी .(संध्या) कॉलेज ,दिल्ली यूनिवर्सिटी ,नेहरू नगर ,नई दिल्ली
तकनीकी शिक्षा-पेंटर (स्केचिंग,फाइनआर्ट )
सम्प्रति :-G4S SCURITY OFFICERS ( suparvaisor) ,ट्रू मीडिया पत्रिका एवं समर सलिल पत्रिका में संवाददाता !
मीडिया प्रभारी -----युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच
सम्मान---------(१) मद्ये-निषेध निदेशालय दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 1996-97 में
आयोजित गीत ,कविता प्रतियोगिता में प्रोत्साहन पुरस्कार दिल्ली के मुख्य -मंत्री स्वर्गीय श्री साहिब सिंह वर्मा द्वारा सम्मानित।
(2)"साहित्य कमल" --युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच दिल्ली ,द्वारा वर्ष 2016 में पत्रकारिता में सम्मानित !
3) "साहित्य प्रहरी" ----सुप्रभात मंच द्वारा सम्मानित ,
4) "मुक्तक रत्न "---मुक्तक लोक मंच द्वारा सम्मानित
5 )"कविता गौरव "--कविता लोक मंच द्वारा सम्मानित ,दिल्ली
6) "साहित्य गौरव "----काव्य शील मंच, दिल्ली ,दिल्ली
7) "साहित्य साधना सम्मान" --तरंग साहित्यिक मंच ,कानपुर
8)"मुक्तक भूषण सम्मान" "हिंदी दिवस के सुअवसर पर -मुक्तक-लोक मंच द्वारा
पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित रचनाएँ एवं साहित्यिक खबरें :-----
ट्रू मिडिया पत्रिका (दिल्ली), समर सलिल पत्रिका (लखनऊ) ,दिन प्रतिदिन दैनिक सांध्य (अम्बाला ), विजय न्यूज ,समाचार पत्र (दिल्ली ),वीमेन एक्सप्रेस (दिल्ली ), ट्रू टाईम्स समाचार पत्र (गाज़ियाबाद ),RedHainded समाचार पत्र (दिल्ली ),समय जगत समाचार पत्र (भोपाल ),आज समाज(गुडगाँव ),स्वैक्छिक दुनिया (कानपुर ),जन सामना (कानपुर ) आदि !
मुख्यवेबसाइट- http://giriarts.blogspot.com
ई-मेल-sanjaygiri75@gmail.com
घर का पता ---जे -288/3, गली न 12, करतार नगर ,दिल्ली - 53
दूरभाष ---9871021856



Tuesday 12 September 2017

 उस्तादे मोहतरम राजेन्द्र नाथ रहबर जी के सम्मान में काव्य संध्या का आयोजन




एक सरस्वती पुत्र 
बेबाक़ जौनपुरी 
भारतीय साहित्य उत्थान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कवि आदरणीय श्री बेबाक जौन पुरी जी से मेरी प्रथम मुलाकात आज से लगभग 4 वर्ष पूर्व मेरे ही निवास स्थान (करतार नगर दिल्ली ) पर आदरणीय श्री ओम प्रकाश प्रजापति (संपादक -ट्रू मीडिया हिंदी पत्रिका )जी के सहयोग से हुई ! वैसे तो हम फेसबुक पर मित्र बहुत पहले ही बन चुके थे किन्तु साक्षात् मिलने का सुअवसर अब मिला था ,और ख़ुशी की बात यह रही की उसी दिन ट्रू-मीडिया हिंदी पत्रिका  के मुख्य संपादक आदरणीय श्री ओम प्रकाश प्रजापति जी से भी मेरी यह प्रथम मुलाक़ात थी ! उन दिनों मेरी एक कविता पहलीवार किसी पत्रिका में प्रकाशित हुई थी और सौभाग्य से वही पत्रिका मुझे मेरे घर पर भेंट करने के लिए श्री ओम प्रकाश प्रजापति जी स्वयम ही मेरे घर पधारे थे और साथ में पत्रिका के साहित्यिक संपादक आदरणीय श्री बेबाक जौन पुरी जी भी थे ! बेहद विन्रम स्वभाव एवं मिलनसार  व्यक्तित्व के धनि है बेबाक भाई ,जिन्होंने मुझे प्रथम मुलाकात में ही अपने गले लगा ह्रदय में बसा लिया और एक छोटे भाई समान मुझे अपना स्नेह और दुलार दिया ,उस दिन उनका मेरे पिता जी और माता जी से भी मिलना हुआ और उन्होंने अपनी सुन्दर सुन्दर रचनाओं से मेरे घर को माँ शारदे का आवाहन किया !
अच्छे मन से जो करे,जीवन की शुरुआत !
घर में उसके खूब हो,खुशियों की बरसात !!
संजय कुमार गिरि




**गज़ल***
चलो रेत पर आज हम तुम चलेंगे 
भुला के गिले प्रेम सबसे करेंगे 
अगर थक गए ये हमारे कदम तो
वहीँ रेत पर बैठ सजदा करेंगे
सुहाना हुआ सर्द मौसम यहाँ का 
कहोगे जहाँ ये कदम चल पड़ेंगे
लिखी खूबसूरत ग़ज़ल एक उन पर
अगर आज मौका मिला तो पढ़ेंगे
रहे हैं महरवां मेरे ईश सब पर
दुआ मांग लो रोज झोली भरेंगे
उमंगों से भर कर मिलो आप 'संजय'
बुझे दीप दिल के सभी जल उठेंगे
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संजय कुमार गिरि 
सर्वाधिक @सुरक्षित
१२ सितम्बर 2017

व्यक्ति विशेष
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मेरे मोहतरम उस्ताद शायर राजेंद्र नाथ रहबर
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व्यक्ति विशेष में आज बात करते हैं देश के बड़े उस्ताद शायर ज़नाब राजेंदर नाथ रहबर के बारे में -
राजेंद्र नाथ रहबर उर्दू के प्रमुख उस्ताद शायरों में से एक हैं उनका जन्म 05 नवम्बर 1931 को पंजाब के शकरगढ़ में हुआ, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान को मिल गया। तथा रहबर साहिब का परिवार पठानकोट आकर बस गया।
रहबर साहिब ने हिन्दू कॉलेज अमृतसर से बी.ए., खालसा कॉलेज पंजाब से एम.ए.(अर्थशास्त्र) और पंजाब यूनिवर्सिटी से एल.एल.बी की। बचपन में शायरी का शौक़ पल गया, इनके बड़े भाई ईश्वरदत्त अंजुम भी शायर थे। रहबर साहिब ने शायरी का फन रतन पंडोरवी से सीखा।
रहबर साहिब की नज़्म तेरे खुशबू में बसे ख़त को विश्वव्यापी शोहरत मिली। इस नज़्म को जगजीत सिंह ने लगभग 30 सालों तक अपनी मखमली आवाज़ में गाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रहबर साहिब को लिखे ख़त के लिए भी वो चर्चा में रहे।
मशहूर फ़िल्म निर्माता महेश भट्ट ने रहबर साहिब द्वारा लिख इक मशहूर नज़्म को अपनी फ़िल्म 'अर्थ' में फिल्माया है। रहबर साहिब अपने जीवन के तकरीब 70 साल उर्दू साहित्य की सेवा में समर्पित किये हैं और अब भी निरंतर साहित्य सेवा में लगे हैं। उस्ताद शायर राजेंदर नाथ रहबर के विषय में एक बार हिंदी फिल्मों के सुपर स्टार दिलीप कुमार साहब ने कहा ---
"ये कहूं तो ग़लत न होगा कि इस दौर के जिन चंद शायरों ने मुझे मुतआस्सिर किया उन में 'रहबर` का नाम भी है। 'रहबर` की शायरी वो जलता हुआ चिराग है जो अपनी सोंधी सोंधी आंच की दिल गुदाज़ हरारत का कैफ़ पैदा करती है। उन की शायरी का एक बहुत बड़ा वस्फ़ ये है कि उन्होंने आमियाना और उर्यां मज़ामीन से गुरेज़ किया है। दरअस्ल उन की सोचें चांदनी की पाजेब पहन कर सर्फए-क़िर्तास काग़ज़ पर उतरती हुई दिखाई पड़ती हैं। उन की तख्ल़ीक़ी कुव्वत की तवानाई मन्दर्जा ज़ैल अशआर से नुमायां है।"
रहबर साहिब को देश विदेश की सैंकड़ों संस्थानों द्वारा विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2010 में पंजाब सरकार द्वारा रहबर साहिब को पंजाब का सर्वोच्च सम्मान शिरोमणि साहित्यकार सम्मान से नवाज़ा गया। देश विदेश में इनके लगभग 150 से भी अधिक शागिर्द हैं जो इनकी रहबरी में बहुत उम्दा शायरी करते हैं !
संजय कुमार गिरि





Monday 11 September 2017

मुक्तक 

लिख रहा हूँ आज का अखबार अपने खून से 
दे रहा हूँ लेखनी को धार अपने खून से 
मिट रही है सभ्यता अरु संस्कृति इस देश की"
कर रहा हूँ देख लो श्रृंगार अपने खून से 

संजय कुमार गिरि


मेरी एक रचना आज के women express न्यूज पेपर में प्रकाशित हुई

Friday 8 September 2017

आज अम्बाला से प्रकाशित दैनिक सांध्य समाचार पत्र दिन प्रति-दिन में मेरी एक ग़ज़ल प्रकाशित हुई !!


            




*सरस्वती वंदना* 

गाया सदा ही' मैंने ,माँ नाम बस तुम्हारा 
आशीष मिल रहा है मुझको सदा तुम्हारा 
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ये जिंदगी समर्पित करता हूँ आपको मैं
देती हो आसरा तुम जब भी तुम्हे पुकारा
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कितनी कठिन हो' राहें चलता रहूँ मैं' पथ पे
आया शरण में तेरी , दे दो मुझे सहारा
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मिलजुल रहें सदा ही ,माँ शारदे के' दर पे
ये जिंदगी नहीं फिर ,मिलती कभी दुबारा
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हर शब्द सार्थक हो ,माँ से करूँ ये' विनती
ये लेखनी लिखे जो ,बन जाए' ध्रुव. तारा
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करता यही है' विनती संजय माँ' शारदे से
ले लो शरण में अपनी बन जाऊं मैं दुलारा
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संजय कुमार गिरि




कानपुर से प्रकाशित समाचार पत्र "स्वैच्छिक दुनिया" 6 सितंबर को प्रकाशित हुई एक ग़ज़ल 



 *ग़ज़ल* 
नहीं आज कोई गिला हम करेंगे
तुम्हारे लिए ही दुआ हम करेंगे
वफ़ा जिन्दगी से हमें आज भी है
न कोई किसी से जफ़ा हम करेंगे
बहुत दर्द हमने सहा है जहां में
मिले जख्म की अब दवा हम करेंगे
दिखावा बहुत लोग करते यहाँ पर
सही बात दिल से सदा हम करेंगे
जिसे आज देखो वही घात करता
मगर मोल विश्वास का हम करेंगे
नहीं जान की आज परवाह 'संजय '
वतन पर ये' हँस हँस फ़िदा हम करेंगे
संजय कुमार गिरि
मुक्तक 
ये सर मेरा झुका नहीं था
क्योंकि पैसा खुदा नहीं था
जीवन जीता रहा ख़ुशी से
दुःख का मुझको पता नहीं था
संजय कुमार गिरि

Thursday 7 September 2017

दिल्ली पुस्तक मेला -2017


कानपुर से प्रकाशित समाचार जन सामना में आज एक गीतिका प्रकाशित हुई

Wednesday 6 September 2017

आज 7 सितम्बर को women express में एक गीतिका प्रकाशित हुई


Tuesday 5 September 2017


मुक्तक 
तुम साथ हो मेरे तो' कोई गम नहीं होगा
साहस हमारा आज भी ये कम नहीं होगा
जीते रहे हम जिन्दगी अपने असूलों पर
दुश्मन करे अब सामना ये दम नहीं होगा 
संजय कुमार गिरि
मुक्तक 
गुरु ने मुझको सिखाया ,वो काम करता हूँ ,
ये हाथ जोड़ के मैं ,अहतराम करता हूँ !
मिले जो प्यार से सीने से लगा लूं उसको ,
ये जान अपनी भी मैं उसके नाम करता हूँ !!
संजय कुमार गिरि

Monday 4 September 2017

खबर -1
28 सितम्बर 16 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से "विजय न्यूज़" में प्रकाशित -

खबर न -2
आज 28 सितम्बर 16 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से " रेड हैंडेड" में प्रकाशित --


खबर न -3 
युवा उत्कर्ष साहित्य मंच " को आशीष चन्द्र शुक्ल साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया की क खबर ,आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित "ट्रू टाइम्स" समाचार पत्र में प्रकाशित हुई बहुत बहुत आभार आदरणीय राजेश्वर राय जी!





स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर एक विशेष आर्टिकल हरियाणा से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "अटल हिन्द" में प्रकाशित हुआ आपका हार्दिक आभार राजकुमार अग्रवाल साहब,


स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर एक विशेष आर्टिकल आज राष्ट्रीय राजधानी से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "विजय न्यूज " में प्रकाशित हुआ  हार्दिक आभार विजय कुमार दिवाकर साहब,!


स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर एक विशेष आर्टिकल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "स्वराज खबर "में प्रकाशित हुआ हार्दिक आभार आदरणीय बाबा विजेंदर जी!



आर्टिकल 
स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर एक विशेष आर्टिकल  अम्बाला (हरियाणा )से प्रकाशित दैनिक दिन प्रतिदिन समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ राज कुमार सहारा साहब का हार्दिक आभार 
आज मेरा एक गीत कानपुर से प्रकाशित "स्वैक्षिक-दुनिया"
समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ 

Saturday 2 September 2017

"दुष्यन्त कुमार के जन्म दिवस पर स्पेशल"
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्र #womenexpress में आज मेरा लिखा आर्टिकल प्रकाशित हुआ ,हार्दिक आभार भाई आकाश शुक्ल जी एवं सम्पादकीय मंडल का




विकट परथति में डॉक्टरों पर जानलेवा हमले क्यों   लेखक संजय कुमार गिरि देश में इस विकट समस्या से आज हर नागरिक जूझ रहा है और न चाहते हुए भ...